स्वर्ग और पृथ्वी

إن في خلق السماوات و الأرض واختلاف الليل و النهار لآيات لأولي الألباب.

देखो! धरती व स्वर्ग के निर्माण में, और रात और दिन के बँटवारे में, यहाँ अवश्य ही मनुष्य के लिये समझ के चिन्ह मौजूद है।
(3:190)

إن في السماوات و الأرض لآيات للمؤمنين. (السورة 45، الجاثية، الآية 3).

वास्तव में, धरती और स्वर्ग प्रतीक हैं इनके लिए जो यकीन करते हैं।
(45:3)

هو الذي خلق لكم ما في الأرض جميعا ثم استوى إلى السماء فسواهن سبع سماوات و هو بكل شيئ عليم. (السورة 2، البقرة، الآية 29).

ईश्वर धरती व स्वर्ग के चमत्कारों का निर्माता है, दिवस और रात्रि का और स्वर्ग से धरती तक के अस्तित्व का (27:64) । ये वही है जिसने आप के लिये धरती पर समस्त वस्तुओं का निर्माण किया है। यही नही, उसके विचार स्वर्ग से भी मेल खाते है क्योंकि उसने सात आश्चयोर्ं को आकार दिया और बाकी सारी चीज़ों को लेकर उसका ज्ञान संपूर्ण है। (2:29)। धरती और स्वर्ग के निर्माण में, और सारे जीवित प्रणियों के निर्माण में जिनमें मनुष्य भी शामिल है, विश्वासकों के लिये समझ के चिन्ह मौजूद है (45:3)

पाक़ क़ुरआन में ईश्वर ने बारंबार धरती व स्वर्ग के विषय में कहा है। धरती और स्वर्ग में मात्र ग्रह, सूर्य और निहारिकाएँ ही शामिल नही है परंतु हमारे अपने ''स्वर्ग व धरतीच्च् भी मौजूद है। धरती हमारे कोशिकीय अस्तित्व को, भौतिक शरीर व उसकी आवश्यकताओं का प्रतिनिधित्व करती है। इनमें वे समस्त कार्य शामिल है जो हममें व पशुओं में एक से है। स्वर्ग एक प्रकार से उच्च व हमारे जीवन के अनमोल व आध्यात्मिक हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है और ये हम चुन सकते है कि हम किस हिस्से को लेते है। हम धरती और स्वर्ग अपने साथ ही लेकर चलते है और इनमें से किसे महत्व देना है ये हमपर निर्भर होता है। उन्नीसवी शताब्दी के प्रसिद्घ ईरानी दार्शनिक और कवि हदी सब्ज़ेवारी ने कहा है कि व्यक्ति खतरनाक से खतरनाक और फरिश्तों से फरिश्ता हो सकता है। कई बार मानव खराब आचरण करता है। यहाँ तक कि प्रकृति के नियमों के अनुसार पशु सही आचरण करते है परंतु मानव तो अलग अलग नियमों से बँधा होता है। वे अपने कार्यों को चुनकर जानवरों से बुरे और फरिश्तों से भी भले बन सकते है।

जो भी कुछ उसने बनाया है, ''उसने ज्यादातर अच्छा ही बनाया है" (32:7), और ये एक महत्वपूर्ण पाठ है। हम सभी उसकी रचना है और हमें अपने अंतस में उस अच्छाई के स्रोत को खोजना होगा और उसे पोसना होगा जिससे हम जीवन का संतुलन बना सके। हम उस दिव्य के प्रतिनिधी है, उस दिव्यता को व्यक्त करने में समर्थ है यदि हम हमारी उच्च गुणवत्ता की ओर ध्यान दे सके।

هو الله الخالق البارئ المصور له الأسماء الحسنى يسبح له ما في السماوات و الأرض و هو العزيز الحكيم.

 वो अल्लाह है, निर्माता है, आकलनकर्ता है, विभिन्न आशीषों, का वर्षणकर्ता है। उसके नाम सबसे सुंदर है : जो भी धरती व स्वर्ग पर है, उसकी कृपा से है।वह उच्च शक्ति है, सर्वाधिक बुद्घिमान है।
(59:24)









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