प्रार्थना के संघटक

प्रार्थना के संघटक नीचे सूचीबद्ध हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं :

  • मंशा या नीय़त
  • पुकार या तकबीरत-उल-अहराम
  • उठना या घियम
  • वाचन या घर’आत
  • झुकना या रुकू
  • झुकने के बाद उठना या घियम मोत’तसेल बे रुकू
  • साष्टांग या सोजूद
  • स्तुति या तस्बीह्ते-अरबा’ए
  • साक्षीकरण या तशा’हूद
  • नमस्कार या सलाम
  • समापन या खत्म
  • मंशा या नीय़त

    घिबले की ओर खडे हो जायें और निम्नलिखित को दुहरायें:

    " मैं ..... प्रार्थना (वह प्रार्थना जो आप करनेवाले हैं) के .... रक’आत (रक’आत की संख्या बोलें) कर रहा हूँI (अर्थात मैं सुबह की प्रार्थना के 2 रक’आत करूँगा।)

    "वज़ेब घोरबतन एलाल-लाह"
    "ईश्वर से निकटता के लिए आवश्यक है।"

    मंशा या नीय़त

    पुकार या तकबीरत-उल-अहराम

    अपने अंगूठों को कान के पास लायें और हथेली को आगे की ओर करके कहें:

    " अल्लाहू-अकबर"
    "ईश्वर महान हैं।"

    #03

    वाचन या घर’आत

    खडे हो जायें और निम्नलिखित को दुहरायें:

    सुराह फातिहा (हम्द):

    "बिस्मिल्लाहेर रहमानेर रहीम,
    अल्लम्दो लल्लाहे रब्बेल अ’लमीन,
    अर-रहमान रहीम,
    मालिके यौमेद-दीन,
    एय्या का ना’बोदो वा एय्याका नास्त’ईन
    एह’देनेस-सेरत-अल-मोस्तघीम,
    सेरातल-लज़ीना अन’अंता अलायिम
    घर-अल-मघज़ूबि अलयिम वा-लज़-ज़ाल-लीन"

    #05

    "ईश्वर के नाम पर, जो अत्यंत अनुग्रही हैं, अत्यंत दयालु हैं,
    ईश्वर की स्तुति करें, जो दो लोकों के पालक और निर्वाहक हैं,
    अत्यंत अनुग्रही, अत्यंत दयालु हैं
    धर्म के प्रकाश से स्वामी
    हम तुम्हारी पूजा करते हैं, और तुमसे मद मांगते हैं कि हमें
    हमें सही मार्ग दिखायें
    वह मार्ग जिसपर तुम्हारे अनुग्रह की कृपा रहे
    वह लोग, जो क्रोधी नहीं होते और जो मार्ग से नहीं भटकते।"
         पवित्र कुर’आन, 1:1-7

    सुराह एखलास (तौहीद):

    "बिस्मिल्लाहेर रहमानेर रहीम,
    घोल होवल्लाहो अहद, अल्लाह-उस-समद
    लाम यालेद, वा लाम यूलाद
    वा लाम यकोन लहू कोफोवान अहद"

    "ईश्वर के नाम पर, जो अत्यंत अनुग्रही हैं, अत्यंत दयालु हैं,
    कहें कि वह अदभुत हैं और केवल अल्लाह ही सर्वव्याप्त है, शाश्वत हैं और निरपेक्ष हैं।
    वह निरपेक्ष और सर्वाधार है.
    और उसके समकक्ष कोई और नहीं है।"
         पवित्र कुर’आन, 112:1-5

    झुकना या रुकू

    झुकें और अपने हाथों की हथेलियों को घुटनों पर रखें
    और निम्नलिखित दुहरायें

    "सोबहना रब्बी-अल-अज़ीमे वा बे हमदे"

    "मेरे निर्माता, मुझे शुद्ध करें, और मैं आपकी स्तुति करता हूँ।"

    #06

    झुकने के बाद उठना या घियम मोत’तसेल बे रुकू

    खडे हो जायें और कहें:

    " अल्लाहू-अकबर"

    "ईश्वर महान हैं।"

    #18

    साष्टांग या सोजूद

    अपने माथे को, अपने हाथों की हथेलियों को, अपने घुटनों को
    झुकाकर साष्टांग करें,
    और अपने टखनों के अग्रभाग को फर्श पर टिकायें
    फिर यह दुहरायें:

    "सोबहना रब्बी-अल-अ’ला वा बे हमदे"

    "मेरे निर्माता, मेरे आराध्य, मुझे शुद्ध करें, और और मैं आपकी स्तुति करता हूँ।"

    घुटनों पर झुककर बैठें और कहें:

    " अल्लाहू-अकबर"
    "ईश्वर महान हैं।"

    हम हमेशा युग्मों में (कुल दो बार) साष्टांग प्रणाम करते हैं

    "सोबहना रब्बी-अल-अ’ला वा बे हमदे"

    "मेरे निर्माता, मेरे आराध्य, मुझे शुद्ध करें, और और मैं आपकी स्तुति करता हूँ।"

    घुटनों पर झुककर बैठें और कहें:

    " अल्लाहू-अकबर"
    "ईश्वर महान हैं।"

    स्तुति या तस्बीह्ते-अरबा’ए

    खडे हो जायें और निम्नलिखित को दुहरायें: ऐसा तीन बार करें:

    "सोबहन-अल्लाहे,
    वल-हमदो-लेल्लाहे,
    वा ला एलाहा एल्लाल-लहो,
    वल-लाहो अकबर"

    "मेरे ईश्वर, मुझे शुद्ध करें,
    स्तुति उनके लिए है,
    ईश्वर कोई और नहीं,
    महज अल्लाह महान ही हैं।"

    साक्षीकरण या तशा’हूद

    घुटने के बल झुकने की स्थिति में निम्नलिखित को दुहरायें:

    "अस्सहदो अन ला-एलाहा एल्लाल-लहो वहदाहू ला शरिका लाह
    वा अश्ह्हदो अन्ना मोहम्मादेन अब्दोहू वा रसूलोह
    अल्लाहोम्मा सल-ले अ’ला मोहम्मादेन वा अ’ले मोहम्मद."

    " मैं साक्षी हूँ कि ईश्वर कोई और नहीं, केवल अल्लाह महान ही हैं,
    वह केवल एक ही है, उनका कोई साथी नहीं है
    और मोहम्मद ही उनके सेवक हैं और वही उनके संदेशवाहक हैं।
    हे ईश्वर, मोहम्मद (उन्हें शांति मिले) और उनके वंशजों को आलोकित करें।

    नमस्कार या सलाम

    घुटने के बल झुकने की स्थिति में निम्नलिखित को दुहरायें:

    "अस्सलामो अलयका अय्योहन नेबीय्यो वा रहमत्तोल्लाह वा बराकातोह.
    अस्सलामो अलयना वा अला एब्देल्लाहेस-सलाहीन
    अस्सलामो अलयकोम वा रहमतोल्लाहे वा बराकतो"

    "हे संदेशवाहक, आपको नमस्कार!
    और आप पर ईश्वर का आशीर्वाद तथा विपुलता रहे।
    ईश्वर के सच्चे सेवकों को नमस्कार
    आप सबको नमस्कार और ईश्वर का आशीर्वाद और विपुलता आप पर रहे।"

    समापन या खत्म

    घुटने के बल झुकने की स्थिति में निम्नलिखित को दुहरायें:

    " अल्लाहू-अकबर" " अल्लाहू-अकबर" " अल्लाहू-अकबर" " अल्लाहू-अकबर"
    "ईश्वर महान हैं।" "ईश्वर महान हैं।" "ईश्वर महान हैं।" "ईश्वर महान हैं।"


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    संदर्भ:
    -Islamic Daily Prayer Manual, M.T.O. Shahmaghsoudi Publications®, pp. 7-13


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